अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के उपलक्ष्य में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ एवं कानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय स्तर पर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया
BOL PANIPAT : 08 मार्च, 2025:आई. बी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के उपलक्ष्य में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ एवं कानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय स्तर पर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया | इस प्रतियोगिता की मुख्य गतिविधियां रंगोली बनाओ, पोस्टर बनाओ व स्लोगन लेखन रहे | प्रतियोगिता का विषय “राष्ट्र निर्माण में सशक्त महिलाओं की भूमिका” रहा |
इस प्रतियोगिता में लगभग 50 विद्यार्थियों ने भाग लिया | प्रतियोगिता का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. शशि प्रभा ने किया | उन्होंने कार्यक्रम की सरहाना की व विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि रंगोली स्लोगन व पोस्टर मेकिंग जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेने से विद्यार्थी स्वयं का मूल्यांकन करते हैं | उन्होंने कहा की ‘नारी’ विधाता की सर्वोत्तम और उत्कृष्ट कृति है | वह शिक्षा व अपने अंदर छिपी प्रतिभाओं व गुणों को व्यवहार में लाकर विकास की ओर कदम बढ़ा सकती है | सभी आयामों में अपने अधिकारों को पाने के लिए सामाजिक बंधनों को तोड़ सकती है | वह खुद की रक्षा के साथ-साथ दूसरों की रक्षा के लिए भी तत्पर रहती है | एक महिला जब आत्मनिर्भर बनती है तो वह न केवल अपना जीवन बदलती है बल्कि पूरे समाज को एक नई दिशा देने का कार्य करती है | यदि यह कहा जाए की संस्कृति, परंपरा या धरोहर नारी के कारण ही पीढ़ी-दर- पीढ़ी हस्तांतरित होती रहती है, तो यह कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी |
महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ. सीमा ने कहा कि महिला दिवस न केवल महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न है, बल्कि यह समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है | उनका योगदान घर से लेकर समाज तक हर क्षेत्र में होता है | हमें समझना चाहिए कि जब महिलाएं सक्षम होती हैं, तो समाज भी सक्षम होता है | अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का खास उद्देश्य समाज में महिलाओं को बराबरी का हक दिलाना है | साथ ही रंगोली, पोस्टर व स्लोगन के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करना और उन्हें जागरूक करना है |
कानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ. निधि ने कहा कि आज की नारी शिक्षित है, आत्मनिर्भर है और अपनी योग्यता के साथ-साथ अपने अधिकारों को जानती है | अब वह पुरुषों से किसी भी तरह कम नहीं है | पुराने समय में लगभग सभी कार्य जिन्हें पहले पुरुष वर्ग ही किया करता था आज नारी समान दक्षता से संपन्न कर रही है | कार्यक्रम में निर्णायक मंडल की भूमिका डॉ. सुनीत शर्मा , डॉ. नीलम, डॉ. पूनम मदान, डॉ. निधान सिंह, डॉ. अर्पणा गर्ग, डॉ. शर्मिला ने निभाई |
परिणाम | प्रथम स्थान | दिवितीय स्थान | तृतीय स्थान | सांत्वना पुरस्कार |
रंगोली बनाओ | वृंदा, नैन्सी | पूनम, मंजू | शिवानी, सिमरन | …………………. |
पोस्टर बनाओ | सन्नी | खुशी | ख़ुशी | इश्मित |
स्लोगन लेखन | कोमल | रुपाली | शुभम | अंजलि |
मंच संचालन सोनल द्वारा किया गया | इस कार्यक्रम में दोनों प्रकोष्ठों के सभी सदस्य डॉ. सुनीता ढांडा, डॉ. मोनिका सोनी, डॉ. भगवंत कौर, डॉ. पूनम गुप्ता, डॉ. पूजा, डॉ. रेखा, डॉ. नीतू, सोनिया वर्मा, प्रिया बरेजा, आकांक्षा, अंशिका, करुणा, रितिका, रेखा शर्मा ने अहम भूमिका निभाई |
कार्यक्रम में उपप्राचार्या डॉ. किरण मदान, प्रो. सोनिया, डॉ. राजेश, डॉ. नेहा पूनिया, प्रो. रुचिका, प्रो. राहुल, प्रो. परमजीत व अन्य सदस्य उपस्थित रहे |
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