Tuesday, September 10, 2024
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एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन.

By LALIT SHARMA , in EDUCATIONAL , at September 5, 2024 Tags: , , , ,

शिक्षक दिवस पर हर विद्यार्थी दे शत प्रतिशत मतदान करने की गुरु दक्षिणा: डॉ अनुपम अरोड़ा 

BOL PANIPAT, 05 सितम्बर. एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें कॉलेज प्रबंधकारिणी के प्रधान दिनेश गोयल, उप-प्रधान राजीव गर्ग, कोषाध्यक्ष विशाल गोयल और प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने कॉलेज के शिक्षकों को सम्मानित किया । इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमें सभी प्राध्यापकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । इसके साथ-साथ अलग-अलग संकायों के विद्यार्थियों ने अपने सभी प्राध्यापकों के सम्मान में विभिन्न आयोजन किये जहाँ प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने उपस्थित विद्यार्थियों से इस पावन दिवस पर बतौर गुरु दक्षिणा अपना वोट बनवाने और शत प्रतिशत मतदान करने का वचन लिया । तत्पश्चात उप-प्रधान राजीव गर्ग ने शेरो-शायरी, ‘किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार’ एवं ‘चिट्टी आई है आई है चिट्टी आई है’ गीत पेश करके समां बाँध दिया । प्रो राकेश सिंगला और डॉ संगीता गुप्ता ने शिक्षक दिवस के महत्त्व और वर्तमान की चुनौतियों पर व्याख्यान दिया । डॉ संतोष कुमारी ने ‘कुछ ख्वाब ख्वाब ही रहे तो अच्छा’ कविता पढ़ कर सुनाई । प्रो किरण दीवान ने ‘सैयां तू जो छु ले प्यार से’ गीत पर सुन्दर नृत्य पेश किया । प्रो सचिन ने ‘आता न था कभी कुछ भी समझ में’ कविता गा कर सुनाई । प्रो एकता डुडेजा ने ‘गूँज ऐसी है’ गीत गाया । प्रो शिवरानी ने ‘गुरु महिमा’ विषय पर कविता पेश की । प्रो सविता पुनिया ने ‘दिल ही दिल में ले लिया दिल’ गा कर सुनाया । प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने ‘खिलते हैं गुल यहाँ, खिलके बिखरने को मिलते हैं दिल यहाँ, मिलके बिछड़ने को’, ‘कोई दोस्त है न रक़ीब है’ गाकर सभी को मन्त्र-मुग्ध कर दिया । प्रो मंच संचालन डॉ दीपिका अरोड़ा मदान ने किया और एक गीत ‘मैं कोई ऐसा गीत गाऊं’ भी गाकर सुनाया । कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई ।

दिनेश गोयल प्रधान ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र की उन्नति व विकास में रीड की हड्डी है। शिक्षक ही अपने विद्यार्थियों में समाज के संस्कार पोषित करता है व उन्हें चरित्रवान बनाता है । भारत की संस्कृति में गुरु को ईश्वर तुल्य माना गया है । विद्यार्थियों को पूर्ण विश्वास से परिश्रम करना चाहिए, सफलता अवश्य मिलेगी ।

राजीव गर्ग उप-प्रधान ने कहा कि शिक्षक समाज समारोह के आयोजन का मकसद शिक्षकों की राष्ट्र निर्माण में भूमिका के लिए कृतज्ञता व्यक्त करना है । उन्होंने कहा कि हम सभी के जीवन को किसी न किसी शिक्षक का मार्गदर्शन अवश्य प्राप्त हुआ है ।

डॉ अनुपम अरोड़ा ने बताया कि स्वतंत्रता के पश्चात मात्र 70 वर्षों में भारत आज एक स्पेस पावर है, मिसाइल पावर है, न्यूक्लियर पावर है, आईटी पावर है, व विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है । इन सब का मुख्य कारण शिक्षा व शिक्षक की गुणवत्ता है । विक्रम साराभाई, होमी जहांगीर बाबा, डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसे अनेक वैज्ञानिक विभूतियां राष्ट्र की उन्नति के आधार स्तंभ है । उन्होंने कहा कि शिक्षक का कार्य मात्र कक्षा में पुस्तकों के माध्यम से पाठ्यक्रम पढ़ना नहीं है । एक शिक्षक की भूमिका बहू उद्देश्य है । शिक्षकों को विद्यार्थी के मेंटर, विद्यार्थी के प्रेरणा स्रोत, विद्यार्थी के मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता, व विद्यार्थी की कल्याण में विद्यार्थी के प्रति स्नेह की भावना से एक संपूर्ण भूमिका निभानी होती है । आधुनिक पीढ़ी को इस और सजग होना पड़ेगा । शिक्षक अपनी जिम्मेदारी से कोई समझौता नहीं कर सकता क्योंकि वह राष्ट्रीय हित से समझौता हो जाएगा । उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत निर्माण हेतु युवा की अपेक्षित भूमिका है । कौशल विकास से रोजगार सृजन कर युवा स्वयं को आत्मनिर्भर बनता है ।

उन्होनें कहा कि सन 1962 से प्रत्येक वर्ष डॉ राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है । डॉक्टर राधाकृष्णन भारत के 1952 से 1962 तक उपराष्ट्रपति व 1962 से 1967 तक राष्ट्रपति रहे । उन्होंने बताया कि राधाकृष्ण 20वीं सदी के तुलनात्मक धर्म व दर्शनशास्त्र के क्षेत्र में महानतम विचारको व दार्शनिकों में से थे । उन्होंने अनेक पुस्तकों, लेखों, व्याखानों के माध्यम से हिंदू संस्कृति को विस्तार से प्रकाशित किया । उन्होंने वेदांत दर्शन की पुनः व्याख्या की । डॉक्टर राधाकृष्णन में एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण विद्यमान थे । वह 1931 से 1936 तक आंध्र विश्वविद्यालय व 1938 से 1939 तक बनारस विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे । 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया ।

इस अवसर पर समस्त टचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को पुष्प-गुच्छ से सम्मानित किया गया ।

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