एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में ग्याहरवें राज्य स्तरीय “वसंतोत्सव 2025: पुष्प प्रदर्शिनी एवं पुष्प प्रतियोगिता” का रंगारंग आयोजन आज से
–रोशन लाल मित्तल, संरक्षक एसडी एजुकेशन सोसाइटी (रजि.) पानीपत करेंगें शुभारम्भ
–फूलों की 70 से अधिक किस्में होंगी प्रदर्शित, सेल्फी विद फ्लावर्स एवं रंगोली प्रतियोगिता रहेंगी आकर्षण का केंद्र
–सभी शहरवासियों को ‘वसंतोत्सव 2025’ में परिवार सहित कॉलेज आमंत्रित करता है
BOL PANIPAT , 17 फरवरी,
एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में दो दिन तक चलने वाले ग्याहरवें राज्य स्तरीय “वसंतोत्सव 2025: पुष्प प्रदर्शिनी एवं पुष्प प्रतियोगिता” का भव्य आयोजन आज प्रात: 10 बजे शुरू हो रहा है। पुष्प प्रदर्शनी का उदघाटन मुख्य अतिथि एसडी एजुकेशन सोसाइटी पानीपत (रजि.) के संरक्षक रोशन लाल मित्तल करेंगें । एसडी एजुकेशन सोसाइटी पानीपत (रजि.) के प्रधान अनूप कुमार और सचिव नरेश कुमार गोयल कार्यक्रम में बतौर गेस्ट ऑफ़ ऑनर शिरकत करेंगे । एसडी पीजी कॉलेज प्रबंधकारिणी के प्रधान दिनेश गोयल, उप-प्रधान राजीव गर्ग, जनरल सेक्रेटरी महेंद्र अग्रवाल, कोषाध्यक्ष विशाल गोयल, प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, माननीय मेहमानों का स्वागत करेंगे ।
वसंतोत्सव पुष्प प्रदर्शनी एवं पुष्प प्रतियोगिता का प्रथम आयोजन वर्ष 2013 में किया गया था। पानीपत एक औद्योगिक शहर है। पानीपत में बड़े और लघु उद्योगों की भरमार है। पानीपत में प्रदूषण और औसत तापमान निरंतर चिंता का विषय रहे हैं। पानीपत समाज की पर्यावरण एवं प्रकृति से संबंधित विषयों के प्रति जागरूकता हो, सामूहिक प्रयास से हम अपने लिए स्वच्छ वातावरण का निर्माण कर पाए, साथ ही जिंदगी की दौड़ धूप और जल्दबाजी से जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव है, प्रकृति के सानिध्य में सरल एवं तरोताजा होकर आगामी जीवन के शुभ संकल्प में इन दृष्टिकोणों से प्रत्येक वर्ष पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है।
‘वसंतोत्सव: पुष्प प्रदर्शिनी’ में हरियाणा प्रदेश और पानीपत जिले के स्कूल, कॉलेज, संस्थान तथा नर्सरियों के माली भाग लेगे । आईओसीएल हर बार की तरह इस बार भी प्रदर्शनी में हिस्सा ले रहा है । विदित रहे कि यह आयोजन कॉलेज में ही स्थापित ‘पर्यावरण बचाओ सोसाइटी’ और कॉलेज एनएसएस के संयुक्त तत्वाधान में हो रहा है और इस बार की प्रतियोगिता में 70 अलग-अलग कटेगरी में पुरस्कार दिए जायेंगे। प्रतियोगिता में भाग लेने का कोई शुल्क नहीं है । वसंतोत्सव: पुष्प प्रदर्शिनी आमजन के लिए दोनों दिन खुला है और यह प्रात: 10 बजे से सांय 5 बजे तक चलेगी । कॉलेज इस प्रदर्शनी का लगातार ग्याहरवीं बार आयोजन कर रहा है । यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा ने दी ।
प्रत्येक वर्ष की भाँती इस बार भी ‘सेल्फी विद फ्लावर्स’ कांटेस्ट का आयोजन किया जा रहा है जिसमे कोई भी प्राध्यापक और प्रतिभागी फूलों के साथ अपनी सेल्फी 9050079600 और 9729219089 मोबाइल नंबर पर भेज सकता है । प्रत्येक प्रतिभागी को सिर्फ एक सेल्फी भेजनी होगी जो फ्लावर शो के दौरान ही खिंची गई हो । रंगोली प्रतियोगिता में प्रतिभागी ग्रुप में ही हिस्सा ले सकते है । सभी प्रतियोगिताओ में भाग लेने के लिए पंजीकरण प्रथम दिन प्रात: 9 बजे तक होगा ।
वसंतोत्सव 2024 में फूलों की 70 से अधिक किस्मों में प्रतिभागी अपने गमले और पुष्प के साथ भाग ले सकते है जिसमें एक्रोक्लिनम, एडेनियम, एंटीरिह्नूम, एस्टर, बिगोनिया, बोन्साई, बाउगेनविलिया, कलेनडुला, सेंचुरिया, सरसेनटिया कयुटेजा, क्राईसंथेमम, सिनेरेरिया, कलिएन्थुस, कोर्नफ्लावर, सैक्लामेन, डेजी, डेलफिनियम, डेफोडील, डाईएन्थस, डाईमोर्फोथीका, फ्रीसिया, फुचसिया, गजनिया, जरबेरा, गोड़ेशिया, होलीहोक, ईमपेशंस, केलेन्चो, केल, लिलियम, लिनेरिया, मेरीगोल्ड, मेसेमब्रेन्थिमम, मिमुलस, नास्त्रेशीअम, पैन्सी, पेपर फ्लावर, प्रिमुला, साल्विया, पेटूनिया, गुलाब, कोरनेशन, केकटस, सेज, फोलीएज, जिरेनियम, एनिमोंन, रेननकुलस, डेलिया, गुलदावदी, साइकलामेन, कल्सुलेरिया इत्यादि शामिल है । दुर्लभ प्रकार की प्रजातियाँ जैसे ओर्चिड्स, लिलियम, केसर, आइरिस, लिली, कमंडल के फल भी आकर्षण का केंद्र रहेंगे । प्रदर्शनी के विजेताओं को नकद इनाम, मुमेंटो और प्रशस्ति पत्र से नवाजा जाएगा ।
डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा कि इंसान के अंधाधुंध दोहन की वजह से हमने पर्यावरण का ध्वस्त कर दिया है । वर्तमान की समस्त समस्याओं का सीधा संबंध कहीं न कहीं प्रकृति से छेड़छाड़ और गत दशकों में वन्य जीवों एवं उनके आवासों पर हमले करने का परिणाम हैं । आज इंसान को अपनी हद तय करनी होगी । समय आ गया है कि इंसान प्रभु, प्रकृति और प्रवृत्ति को अलग न करें । हमारे शास्त्रों में तो हवा, मिट्टी, जंगल, पानी और पेड़-पौधों को देवतुल्य माना गया है । इस पुष्प-प्रदर्शनी के माध्यम से इंसानों में पेड़-पौधों के महत्व को स्थापित करने में मदद मिलेगी । वर्तमान की आपदाओं ने इंसान को एक बात तो सिखा दी है कि वह प्रकृति की उपेक्षा करके और इससे दूर रह कर अपना अस्तित्व नहीं बचा सकता है । पानीपत के हर नागरिक से उन्हें प्रकृति को संजोने की अपेक्षा है और उम्मीद है की वे कम से कम एक बार इस प्रदर्शनी का हिस्सा जरुर बनेंगे ।
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