बीमा पॉलिसी के पैसे हड़पने वाले गिरोह का तीसरा आरोपी गिरफ्तार.
BOL PANIPAT : 06 मार्च 2025, सीआईए थ्री पुलिस टीम ने मृत्यु की कगार पर खड़े लोगों की बीमा पॉलिसी करवा कर धोखाधड़ी से बीमा पॉलिस के पैसे हड़पने वाले गिरोह के तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान सचिन निवासी गुगनपुरा जमालपुर शामली यूपी के रूप में हुई।
सीआईए थ्री प्रभारी इंस्पेक्टर विजय ने बताया कि पुलिस आरोपी सचिन को पकड़ने के लिए उसके संभावित ठीकानों पर दंबिश दे रही थी। आरोपी पुलिस पकड़ से बचने के लिए ठीकाने बदल कर छुपकर रह रहा था। बुधवार को आरोपी ने माननीय न्यायालय में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने माननीय न्यायालय से आरोपी को एक दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल कर पूछताछ की।
पूछताछ में आरोपी ने मामले में पहले गिरफ्तार हो चुके अपने साथी आरोपी कुलदीप निवासी एल्डिको व सलीम निवासी नरवाना जीन्द के साथ मिलकर गंभीर बीमारी से पीड़ित, मृत्यु की कगार पर खड़े लोगों की फर्जी तरिके से बीमा पॉलिस करवाकर पैसे हड़पने की वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा।
पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया वह गंभीर बीमारी से पीड़ित या मरने की कगार पर खड़े लोगों की पहचान कर साथी आरोपी कुलदीप को उन लोगों की जानकारी देता था। साथी आरोपी कुलदीप उसे एक केस के 10 हजार रूपए देता था।
आरोपी सचिन के कब्जे से बीमा पालिसी की दो किट बरामद कर वीरवार को रिमांड अवधी पूरी होने पर पुलिस ने आरोपी सचिन को माननीय न्यायालय में पेश किया जहा से उसकी बेल हो गई।
प्रभारी इंस्पेक्टर विजय ने बताया कि सीआईए टू पुलिस टीम ने मृत्यु की कगार पर खड़े लोगो की फर्जी बीमा पॉलिसी कर रूपए हड़पने वाले गिरोह का भंडाफोड फोड़ कर नवम्बर 2024 में एल्डिको निवासी आरोपी कुलदीप को एल्डिकों के पास जीटी रोड से क्रेटा कार सहित गिरफ्तार किया था। मौके पर आरोपी के पास कार से विभिन्न बैंकों के 14 एटीएम कार्ड, 1 पास बुक, 4 चेक बुक, 17 बीमा पॉलिसी स्कीम के फार्म, 2 कलेम फार्म, 1 पेन कार्ड व 5 मृत्यु प्रमाण पत्र बरामद हुए थे। इसके पश्चात पुलिस ने विगत दिनों गिरोह के आरोपी सलीम निवासी हरि नगर नरवाना जीन्द हाल मौहाली पंजाब को गिरफ्तार किया था। आरोपी सलीम भी गंभीर बीमारी से पीड़ित या मरने की कगार पर खड़े लोगों की पहचान कर आरोपी कुलदीप को उन लोगों की जानकारी देता था। आरोपी कुलदीप उसे एक केस के 20 हजार रूपए देता था। दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत जेल भेजने के बाद पुलिस ने गिरोह के अन्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए उनके संभावित ठीकानों पर लगातार दबिश दे रही थी।
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