तीन दिवसीय श्री राम कथा सत्संग का आरंभ हुआ।
BOL PANIPAT : सनौली रोड, नेता जी कालोनी स्थित श्री लक्ष्मी नारायण सांई बाबा मन्दिर के 56वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर तीन दिवसीय श्री राम कथा सत्संग का आरंभ हुआ। जिसमें प्रवचन करते हुए स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने राम नाम की महिमा का वर्णन किया। सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि अशोक रेवड़ी व रमेश माटा ने ध्वजारोहण किया तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। स्वामी दयानन्द सरस्वती जी महाराज मुरथल एवं महामण्डलेश्वर स्वामी अरूणदास जी महाराज (हरिद्वार), जी का स्वागत मंदिर पदाधिकारियों द्वारा फूलमालाओं द्वारा किया गया। स्वामी अरूणदास जी महाराज ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि आज सनातन धर्म में इस बात की बहुत आवश्यकता है कि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। आज के समय में माताएं अपना पीछा छुड़ाने के लिए बच्चे के हाथ में मोबाईल दे देते हैं जिसके कारण सही संस्कार न मिलने से आगे जीवन में बहुत समस्याएं आती हैं। स्वामी श्री दयानन्द सरस्वती जी महाराज ने राम नाम महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केवल नाम स्मरण से ही सार्थक जीवन जिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि माँ के गर्भ से निकलकर हम माया के गर्भ में प्रवेश करते हैं और माया रूपी अंधकार में भटकते रहते हैं। सत्य के इस भंवर में हम भौतिक और शारीरिक सुखों के पीछे भागते रहते हैं। थोड़े से धन के लालच में पाप करते हैं। हमें इस पाप की अंधियारी नगरी से सत्य के सूरज की ओर ले जाने वाला केवल एक ही मार्गदर्शक होता है और वह है राम नाम स्मरण। उन्होंने माता यशोदा एवं भगवान कृष्ण का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि एक बार माँ यशोदा ने यमुना नदी में 1000 दीपक जलाकर छोड़ने का संकल्प किया। जब माता यशोदा दीपक को यमुना में छोड़ती तो दीपक भगवान कृष्ण की तरफ मुड़ जाता और वह उस दीपक को उठाकर नदी के बाहर सुरक्षित कर लेते यह देखकर माता यशोद ने पूछा कि तो क्या सभी 1000 दीपकों को बचाएगा तो भगवान कृष्ण ने कहा कि मैंने सबको बचाने का ठेका नहीं लिया लेकिन जो दीपक मेरी तरफ आएगा मैं उसे जरूर बचाऊंगा। मंच संचालन कैलाश नारंग ने किया। इस अवसर पर प्रधान किशन लखीना, राजेन्द्र टुटेजा, शैंकी सेठी, गुलशन लखीना, राजेश लखीना, अनिल रेवड़ी, पंकज नारंग, दिनेश ढींगड़ा, तिलक मेंहदीरत्ता, विजय नारंग, नारायण बठला, सतपाल सैनी, विकास टुटेजा, किशोर सेठी, राममेहर चौहान व महिला संकीर्तन मण्डल के सदस्य उपस्थित थे
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