16 हजार कृषि वैज्ञानिक देश में किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कर रहे जागरूक: केन्द्रीय मंत्री शिवराज चौहान
-2170 टीमों ने देश में 8 हजार स्थानों पर किसानों के साथ अब तक किया संवाद
-सरकार की योजनाएं किसानों को पहुंचा रही सीधे तौर पर लाभ: कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा
-भावान्तर योजना से किसानों को मिल रहा भरपूर लाभ: शिक्षा मंत्री
BOL PANIPAT , 31 मई। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 के तहत शनिवार को स्थानीय आर्य पीजी कॉलेज सभागार में जिले के किसानों को, पशुपालकों को मत्सय से जुड़े लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर खेती ढंग से की जाए तो उससे किसान बड़ा लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान की सेवा भगवान की सेवा है। किसान उनके रोम-रोम में बसते हैं। वे स्वयं खेती करते हैं व खेती की बारिकीयों को अच्छी तरह से समझते हैं। जय जवान-जय किसान के नारे पर उन्होंने कहा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस नारे को विज्ञान के साथ जोड़ा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसमें और बढौतरी करते हुए इसे जय अनुसंधान के साथ जोड़ा। केन्द्रीय मंत्री ने 6 प्रगतिशील किसानों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित खेती व समृद्ध किसान जरूरी है। उन्होंने हरियाणा सरकार की भावान्तर योजना की प्रशंसा की व मुख्यमंत्री नायब सिंह को इसके लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि खेती को विकसित करने के साथ किसानों को खेती के प्रति जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 16 हजार कृषि वैज्ञानिक देश में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत देश के किसानों को इस बात के लिए जागरूक कर रहे हैं कि उन्हें किस तरह की खेती करनी चाहिए व किस तरह की खेती उनके लिए लाभदायी है। देश की 2170 टीमें 8 हजार स्थानों पर किसानों के साथ संवाद स्थापित करके उन्हें इस बात के लिए जागरूक कर रही चुकी है कि जो किसान जागरूक होंगे उन्हें सरकार भरपूर लाभ देगी व वे कृषि वैज्ञानिक किसानों को पोषक तत्वों की, खाद की व फसल की कौनसी किस्म उनके लिए लाभदायी है इसकी भी जानकारी दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए धान की दो किस्में भी वैज्ञानिकों को विकसित की है जिनमें 20 प्रतिशत पानी की लागत कम आएगी व 30 प्रतिशत का उत्पादन बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा में 55 टीमें लगातार किसानों को संवाद स्थापित करके जागरूक कर रही है। यह कृषि संकल्प अभियान 12 जून तक लगातार जारी रहेगा। इसमें किसान गांव में पहुंची वैज्ञानिकों और अधिकारियों की टीम से सवाल पूछ सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के लिए जीने के लिए एक-एक क्विंटल फसल की बढौतरी होती है तो देश विकसित देशों की श्रेणी में आएगा। उन्होंने किसानों से आह्ïवान किया कि वे वैज्ञानिक प्रयोगों का लाभ लें।

इस मौके पर हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने केन्द्रीय मंत्री द्वारा चलाए अभियान की प्रशंसा की और हरियाणा में किसानों के हितों को ध्यान में रखकर बनाए गई योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का हित चाहती है। उन्होंने बताया कि खेत का परिवर्तन अगर हम करते हैंं तो फसल का भी परिवर्तन होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसान सम्मान निधि के तहत 6 हजार की राशि किसानों को दी है। यह किसानों के लिए मदद है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का भी किसानों को लाभ मिल रहा है। मेरा पानी-मेरी विरासत के तहत भी किसानों को 7 हजार रूपये की मदद दी जाती है। अब इसमें बढौतरी भी की गई है। उन्होंने मोटे अनाज का उत्पादन करने व मोट अनाज का उपयोग करने का भी किसानों से आह्ïवान किया । उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे डीएसआर से सीधी बिजाई करवाएं। इससे पानी बचेगा। समय की बचत होगी व उत्पादन में बढौतरी होगी। इसके लिए सरकार 4 हजार ये 4500 रूपये तक किसानों को दे रही है। उन्होंने पराली प्रबंधन पर भी सरकार की निति को स्पष्टï किया। उन्होंने कहा कि अगर हम अच्छा उत्पादन करेंगे तो हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। इसी कड़ी में मिट्ïटी के 58 लाख नमूने लिए गए थे जिन्हें 52 बड़ी लैब व 54 छोटी लैबों में जांच के लिए भेजा। उन्होंने कहा कि किसानों के स्वास्थ्य को लेकर 15 लाख किसानों के कृषि कार्ड बनाए गए हैं ताकि व्यवस्था को मजबूती दी जा सके। कुल 24 फसलों की एमएसपी तय की गई है। मछली पालन के रेटों में भी वृद्धि की गई है। उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती के साथ जुडऩे का आह्ïवान किया।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार का एक ही लक्ष्य व एक ही उद्ïेश्य है। किसान की आमदनी को दुगना करना। दस वर्षो में इस पर ध्यान भी दिया गया है। जो फसलें 60 वर्ष से कम दामों में बिकती थी आज उनमें बढौतरी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार सुरजमुखी का एक-एक दाना खरीद रही है। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे गेंहू व धान की फसल से निकलकर अन्य नकदी फसलों के साथ जुड़े व अपनी दिशा व दशा बदले। उन्होंने भावान्तर भरपाई योजना पर भी प्रकाश डाला व बताया कि किस तरह से किसानों को इसका लाभ दिया गया है। कार्यक्रम में आईएआरआई दिल्ली के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. टिकम सिंह और डीएआरई के सचिव व आईसीएआर के डीजी डॉ. एम.एल. जाट ने भी किसानों को तकनीक से जुडऩे का आह्ïवान करते हुए विस्तृत ब्यौरा पेश किया।
इस मौके पर कृषि विभाग के महानिदेशक राज नारायण कौशिक ने केन्द्रीय मंत्री का स्मृति चिन्ह देकर अभिनन्दन किया। इस मौके पर डीडीजी एक्सटेंशन राजवीर बराड़, पशुपालन विभाग के महानिदेशक डॉ. प्रेम सिंह, कृषि विभाग के निदेशक रणबीर सिंह, बागवानी विभाग के एचओडी अर्जुन सैनी, कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. राजेन्द्र सौलंकी, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कम्बोज, डीडीए आत्माराम गोदारा, बीजेपी जिला अध्यक्ष दुष्यंत भट्ïट, मेयर कोमल सैनी, अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. पकंज यादव, पानीपत एसडीएम मनदीप सिंह के अलावा बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
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