जेल कैदियों को शिक्षा देना इग्नू समावेशी शिक्षा का उत्कृष्ट उदाहरण: डॉ धर्म पाल
-जेल कैदियों के जीवन को रोशन कर रही इग्नू की शिक्षा प्रणाली: डॉ धर्म पाल
BOL PANIPAT , 22 मई। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय केंद्र करनाल हरियाणा के क्षेत्रीय निदेशक डॉ धर्म पाल ने बताया कि इग्नू की स्थापना 1985 में हुई थी, इग्नू ने पिछले तीन दशकों से देश में उच्च शिक्षा की पहुँच के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे निरंतर सीखने के अवसर बढ़े हैं। अपने उद्देश्य के अनुरूप, विश्वविद्यालय एक लागत प्रभावी रणनीति लागू करता है जो अनुकूलनीय और शिक्षार्थी-केंद्रित है, जिसमें पहुँच, गुणवत्ता, समानता और सामथ्र्य पर जोर दिया जाता है, जिसका अंतिम लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। यह दूरस्थ शिक्षा प्रणाली में पहला विश्वविद्यालय है जिसे नैक (एनएएसी) द्वारा ए प्लस प्लस रैंकिंग और एनआईआरएफ प्रथम रैंकिंग प्रदान की गई है।
इग्नू, जिसके पास 2006 से ज़्यादा शिक्षार्थी सहायता केंद्र और 69 क्षेत्रीय केंद्रों का विशाल तंत्र है, विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों को शिक्षित कर रहा है। 15 अलग-अलग देशों में स्थित 25 विदेशी अध्ययन केंद्रों के साथ इसकी वैश्विक उपस्थिति काफी है। इग्नू ने पूरे देश में स्थित क्षेत्रीय केंद्रों के अपने विशाल तंत्र के माध्यम से भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा समर्थित कई पहलों को क्रियान्वित किया है। इग्नू विविध छात्र वर्गों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले, विकलांग, सैन्यकर्मी, हाशिए के समुदायों के छात्र, ट्रांसजेंडर लोग और जेल के कैदी शामिल हैं।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, जेल में बंद कैदियों को शिक्षा प्रदान करके समावेशी शिक्षा का एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। इग्नू समावेशी शिक्षा के माध्यम से एक समावेशी ज्ञान समाज के निर्माण के लिए प्रयास कर रहा हैं। इसमें जेल कैदियों के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं, जो वंचित वर्गों में से एक हैं।
डॉ धर्म पाल ने बताया कि कैदियों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए जेलों में विशेष शिक्षार्थी सहायता केंद्र स्थापित किये है जो कैदियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करते हैं। जिनके माध्यम से कैदियों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाई जाती है. इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल के अंतर्गत 12 जेलों में अध्ययन केंद्र स्थापित किये है। जिला जेल करनाल में 83, कुरुक्षेत्र 21,भिवानी 25, यमुनानगर 84, हिसार 34, हिसार-2 में 34, सोनीपत 43, रोहतक 17,कैथल 15, झज्झर 27 और महेन्दरगढ़ 01 कैदी रजिस्टर्ड है 7 हरियाणा की विभिन्न जेलों में जुलाई 2024 और जनवरी 2025 सत्र में कुल 402 जेल कैदी सफलतापूर्वक उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे।
इग्नू द्वारा कैदियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने से उन्हें भविष्य में सशक्त बनने और समाज में एक सक्रिय भूमिका निभाने में मदद मिलने की सम्भावना है. शिक्षा के माध्यम से, कैदियों को सशक्त बनाया रहा है और समाज में सफलतापूर्वक पुन: एकीकरण के लिए उनको प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है, जो पुन: अपराध करने की संभावना को कम करता है इग्नू द्वारा कैदियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने से उन्हें भविष्य में सशक्त बनने और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने में मदद मिलती है ज्यादा से ज्यादा जेल कैदियों को उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए इग्नू क्षेत्रीय केंद्र करनाल की और से लगातार प्रयास जारी है।
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