Saturday, April 19, 2025
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एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय बहुविषयक राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन

By LALIT SHARMA , in EDUCATIONAL , at March 29, 2025 Tags: , , , ,

विषय: ‘राष्ट्र निर्माण में एनएसएस की भूमिका: चुनौतियां और अवसर’

विभिन्न राज्यों के 160 एनएसएस अधिकारियों, शोधकर्ताओं और स्वयंसेवकों ने लिया कांफ्रेंस में हिस्सा

विकसित भारत के स्वप्न को पूर्ण करने में एनएसएस अग्रणी भूमिका निभा सकता है : डॉ आनंद कुमार एनएसएस प्रोग्राम समन्वयक कुरुक्षेत्र विश्वविधालय कुरुक्षेत्र

BOL PANIPAT , 29 मार्च. एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में उच्चतर शिक्षा विभाग हरियानन सरकार द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय बहुविषयक राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसका विषय ‘राष्ट्र निर्माण में एनएसएस की भूमिका: चुनौतियां और अवसर’ रहा । कांफ्रेंस में विभिन्न राज्यों के 160 एनएसएस अधिकारियों, शोधकर्ताओं, स्वयंसेवकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया और लगभग 100 शोध पत्र प्रस्तुत किये । कांफ्रेंस का उदघाटन एवं की-नॉट भाषण डॉ आनंद कुमार एनएसएस प्रोग्राम समन्वयक कुरुक्षेत्र विश्वविधालय कुरुक्षेत्र ने किया । अतिविशिष्ट उपस्थिति में कॉलेज प्रधान दिनेश गोयल ने कांफ्रेंस की शोभा बढ़ाई । मुख्य अतिथि का स्वागत प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, प्रोग्राम ऑफिसर डॉ राकेश गर्ग और डॉ संतोष कुमारी ने किया । एक दिवसीय कांफ्रेंस के संरक्षक कॉलेज प्रधान दिनेश गोयल, संयोजक डॉ अनुपम अरोड़ा, आयोजन सचिव डॉ राकेश गर्ग और डॉ संतोष कुमारी और सलाहकार समिति शरवण राम क्षेत्रीय निदेशक एनएसएस दिल्ली, डॉ दिनेश कुमार स्टेट एनएसएस ऑफिसर हरियाणा, डॉ आनंद कुमार एनएसएस प्रोग्राम समन्वयक कुरुक्षेत्र विश्वविधालय कुरुक्षेत्र और प्रो भगत सिंह एनएसएस प्रोग्राम समन्वयक हरियाणा कृषि विश्वविधालय हिसार रहे । कांफ्रेंस को राजीव गर्ग उप-प्रधान, महेंद्र अग्रवाल जनरल सेक्रेटरी और विशाल गोयल कोषाध्यक्ष का भी भरपूर सहयोग रहा । मंच संचालन डॉ संतोष कुमारी ने किया ।

डॉ आनंद कुमार ने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों, कार्यक्रम अधिकारियों और सामुदायिक सेवा में उनके द्वारा किये गए उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है । युवा एनएसएस स्वयंसेवकों को सामुदायिक सेवा के माध्यम से अपने व्यक्तित्व को विकसित करने का अवसर मिलता है । स्वयंसेवकों के माध्यम से राष्ट्रीय सेवा योजना की जरूरतों को पूरा करने के लिए एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों और कार्यक्रम समन्वयकों को प्रोत्साहित करना भी एनएसएस का मूल उद्देश्य है । राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्धेश्य विद्यार्थियों की सामाजिक चेतना को जागृत करना और उन्हें विशेष अवसर उपलब्ध करवाना है । लोगों के साथ मिलकर कार्य करना और स्वयं को सृजनात्मक एवं  रचनात्मक सामाजिक कार्यों में प्रवृत्त करना भी एनएसएस का प्रमुख कार्य है । स्वयं तथा समुदाय के ज्ञान में वृद्धि करना राष्ट्रीय सेवा योजना का एक लक्ष्य है । समस्याओं को कुछ न कुछ हल करने में स्वयं की प्रतिभा का व्यावहारिक उपयोग करना हम एनएसएस से ही सीखते है । प्रजातांत्रिक नेतृत्व को क्रियान्वित करने में दक्षता प्राप्त करना और स्वयं को रोजगार के योग्य बनाने के लिए कार्यक्रम विकास में दक्षता प्राप्त करना भी हमें एनएसएस के माध्यम से आता है । शिक्षित और अशिक्षितों के बीच की दूरी को मिटाना और समुदाय के कमजोर वर्ग की सेवा के लिए स्वयं में इच्छाएँ जागृत करना एनएसएस का प्रमुखतम उद्देश्य है । जिस छात्र-छात्रा ने एनएसएस को ह्रदय से अपना लिया तो उसका उद्धार और भविष्य दोनों उज्जवल है ।  

डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा कि राष्‍ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) राष्‍ट्र की युवाशक्ति के व्‍यक्‍तित्‍व विकास हेतु युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित एक सक्रिय कार्यक्रम है । इसके गतिविधियों में भाग लेने वाले विद्यार्थी समाज के लोगों के साथ मिलकर समाज के हित के कार्य करते है । साक्षरता संबंधी कार्य, पर्यावरण सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य एवं सफाई, आपातकालीन या प्राकृतिक आपदा के समय पीड़ीत लोगों की सहायता आदि कार्य एनएसएस स्वयंसेवकों के पाठ्यक्रम का हिस्सा है । विद्यार्थी जीवन से ही समाजपयोगी कार्यों में रत रहने से स्वयंसेवकों में समाज सेवा या राष्‍ट्र सेवा के गुणो का विकास होता है । हर वर्ष सबसे अच्छे स्वयंसेवकों को एनएसएस पुरस्कार से भारत के राष्ट्रपति के द्वारा सम्मानित किया जाता है । 

डॉ  राकेश गर्ग प्रोग्राम ऑफिसर ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) भारत सरकार, युवा मामले और खेल मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है । यह बोर्ड स्तर पर स्कूलों की 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्र युवाओं और महाविद्यालय एवं  विश्वविद्यालय स्तर पर तकनीकी संस्थानों, स्नातक और स्नातकोत्तर के युवाओं को सरकार के द्वारा संचालित विभिन्न सामुदायिक सेवा गतिविधियों और कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है । स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से युवाओं के व्यक्तित्व और चरित्र का विकास करना इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य है । ‘सेवा के माध्यम से शिक्षा’ यह एनएसएस का उद्देश्य है । एनएसएस को वर्ष 1969 में 37 विश्वविद्यालयों में शुरू किया गया था जिसमें लगभग 40 हज़ार स्वयंसेवक शामिल थे, जो अब 657 विश्वविद्यालयों और 51 परिषदों एवं 2 निदेशालयों में विस्तृत हुआ है, जिसमें 20 हज़ार से अधिक कॉलेज तथा तकनीकी संस्थान और 12 हज़ार से अधिक उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं । स्थापना के बाद से 7 करोड़ से अधिक छात्र एनएसएस से लाभान्वित हुए हैं जो एक गर्व का विषय है ।

डॉ संतोष कुमारी ने कहा कि एनएसएस लेकर एक स्वयंसेवक एक कुशल सामाजिक नेता, कुशल प्रशासक और एक ऐसा व्यक्तित्व बनता है जो मानव स्वभाव को समझता है । एनएसएस में एनआईसी प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है और प्रत्येक शिविर की अवधि सात दिनों की होती है । इन शिविरों में भाग लेने से स्वयंसेवकों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का इतिहास समझ में आता है । उन्हें भारत के बारे में ज्ञान के माध्यम से राष्ट्रीय गौरव महसूस होता है और समाज सेवा के माध्यम से राष्ट्र को एकीकृत करने का भाव उनमें पैदा होता है । ऐसे व्यक्तित्व को फिर कौन सफल होने से रोक सकता है !

डॉ राम कुमार वर्मा बुंदेलखंड विश्वविधालय झांसी ने इस कांफ्रेंस को सकारात्मक और उर्जा से भरपूर बताया । 

डॉ अभिमन्यु मलिक सीआरए कॉलेज सोनीपत ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र-छात्राओं को सृजनात्मक एवं रचनात्मक कार्यों के प्रति प्रेरित कर समाज सेवा का अवसर प्रदान करती है । 

डॉ अनिल पाण्डेय राजकीय महाविधालय पंचकूला ने कहा कि स्वयंसेवकों के व्यक्तित्व को निखारने एवं भविष्य में उन्हें कर्त्तव्यनिष्ठ, संवेदनशील तथा उपयोगी नागरिक के रूप में संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।

मनीषा डुडेजा आर्य कॉलेज पानीपत ने कहा कि एनएसएस गतिविधियों के तहत विभिन्न कार्यों के लिए स्वयंसेवा करने से छात्रों को आत्मविश्वास मिलता है, नेतृत्व कौशल विकसित होता है और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के विभिन्न लोगों के बारे में जानने का मौका मिलता है ।   

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