भक्तामर स्तोत्र के पाठ से सभी प्रकार के आधि – व्याधि, रोग-शोक से मुक्ति मिलती है.
BOL PANIPAT : जैन महोल्ला में श्री 1008 महावीर स्वामी दिगंबर जिनालय ((छोटा मंदिर) नवीनीकरण महोत्सव में आज प्रथम दिवस परम पूज्यनीय गणिनी आर्यिका 105 आर्षमति माताजी ससंघ के पावन सानिध्य में अभिषेक एवं विश्व शांति की कामना हेतू शांतिधारा सम्पन्न हुई. तत्पश्चात श्री भक्तामर स्तोत्र दीप अर्चना प्रारंभ हुई. इस अवसर पर पूज्या माताजी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि भक्तामर स्तोत्र महान अतिश्यकारी है इसका प्रत्येक अक्षर एक मंत्र के समान है प्रत्येक काव्य में 56 अक्षर है और कुल 48 काव्यो के द्वारा आचार्य श्री मानतुंग स्वामी जी ने प्रथम तीर्थंकर श्री ऋषभदेव भगवान की स्तुति इस स्तोत्र के माध्यम से की है. भक्तामर स्तोत्र के पाठ से सभी प्रकार के आधि – व्याधि, रोग-शोक से मुक्ति मिलती है
साथ ही पूज्या माताजी ने समस्त जैन समाज को आशीर्वाद प्रदान किया और कहा कि मंदिर का नवीनीकरण अति सुंदर एवं भव्य जिनालय के रूप होना चाहिए यह पानीपत के लिए सौभाग्य की बात है यहां इतने प्राचीन जिनालय एंव जिन प्रतिमाएं विराजमान दीपार्चना के उपरांत 8 घंटे अखंड भक्तामर स्तोत्र पाठ हुआ
जानकारी देते हुए मनोज जैन ने बताया कि कल के कार्यक्रमों में भगवान महावीर स्वामी की स्तुति श्री वर्धमान स्तोत्र के माध्यम से श्री दिगंबर जैन छोटे मंदिर जैन महोल्ला में संपन्न होगी एंव शांति मंत्र जाप्य अनुष्ठान का भव्य आयोजन होगा एंव 28 अप्रैल को 64 रिद्धि महामंडल विधान का आयोजन होगा वहीं 29 अप्रैल को याग मंडल विधान का आयोजन होगा उन्होंने कहा कि अंतिम दिवस 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पावन अवसर भव्य पूजन, अभिषेक, विधान आदि के पश्चात भगवान की प्रतिमाओ को बड़े मंदिर जी में अस्थाई वेदी पर विराजमान किया जाएगा
इस अवसर पर मनोज जैन, कुलदीप जैन, पुनीत जैन, सुरेश जैन, सुशील जैन, दिनेश जैन, रुलिया राम जैन, भूपेंद्र जैन, वीरज जैन, जगदीश जैन, भूपेश जैन, प्रदीप जैन, संजीव जैन आदि उपस्थित रहे
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