Friday, June 13, 2025
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गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म दिवस मनाया गया।


BOL PANIPAT : माता सीता रानी सेवा संस्थान के अंतर्गत चल रहे हाली अपना स्कूल में आज गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म दिवस मनाया गया। इस अवसर पर गुरु रविंद्र नाथ टैगोर के चित्र पर पुष्पमाला अर्पित कर दीप प्रज्वलित किया गया। संस्था की अध्यक्षा कृष्णाकांता ने बोलते हुए कहा कि गुरुदेव जी ने अपने संगीत से देश विदेश में जागृति लाने का काम किया।भारतीयों के रूप में हमें शांति के लिए लड़ने का एक सुंदर और गौरवशाली इतिहास विरासत में मिला है। शायद इस इतिहास का प्रतीक गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर से बेहतर कोई नहीं हो सकता। अप्रैल 1924 में, एक सौ साल पहले, टैगोर चीन पहुंचे। उनका स्वागत एक महापुरुष के रूप में किया गया, एशिया के प्राचीन अतीत का सन्देश देने वाले के रूप में, लेकिन जो ऐसा सन्देश लाया था की एक शानदार भविष्य मुमकिन है। आज हम टैगोर की चीन यात्रा का जश्न मना रहे हैं, एक ऐसे समय में जब हम एशियाई लोग एक-दूसरे को नहीं जानते हैं। हमारे एक साथ आने के रास्ते में कई बाधाएं हैं। यह ऐसा समय है जो हमें रवीन्द्रनाथ टैगोर के बताए रास्ते पर चलने का आह्वान कर रहा है। हम संख्या में भले ही कम हों, लेकिन यह तथ्य कि हममें से कुछ लोग शांतिपूर्ण भविष्य में विश्वास करते हैं, बहुत महत्वपूर्ण है। टैगोर हमेशा खुद को एक कवि मानते थे, जिनका मिशन “उस आवाज़ को आकर्षित करना था जो अभी तक हवा में छुपी है;” उस सपने पर विश्वास जगाना जो अधूरा है; संशयग्रस्त दुनिया में अजन्मे फूल की जल्द से जल्द ख़बर लाने के लिए।” उन्होंने भी ऐसे समय में चीन का दौरा किया था जब भारत और चीन के राष्ट्र उपनिवेशवाद के कारण कई सदियों से बिछड़े हुए थे। हमारी भूमि पर गुलामी के माध्यम से उगाई गई अफ़ीम का उपयोग ब्रिटिश द्वारा चीनी लोगों को गुलाम बनाने के लिए किया गया था। इस अवसर पर गांधी ग्लोबल फैमिली के महासचिव एवं एडवोकेट राम मोहन राय ,हालीअपना स्कूल की मुख्याध्यापिका प्रिया लूथरा ,माता सीता रानी सेवा संस्थान की महासचिव पूजा सैनी, मधु यादव ,रोजी चावला ,सोनिया गर्ग एवं परामर्श दात्री चेतना अरोड़ा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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