आर्य पी. जी. कॉलेज के हिन्दी साहित्य परिषद द्वारा किया गया संगोष्ठी का आयोजन
-संगोष्ठी में महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. ए. पी. जैन की पुस्तक ‘यादों की यात्रा’ आत्मकथा पर आयोजित हुई परिचर्चा
BOL PANIPAT, मंगलवार, 25 फरवरी, 2025, आर्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मंगलवार को हिन्दी विभाग के उपक्रम हिन्दी साहित्य परिषद द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में आर्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य, कवि हृदय एवं प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ ए. पी. जैन, प्रसिद्ध साहित्यकार एवं विदुषी इंदिरा खुराना, प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय शायरा सोनिया सोनम ‘अक्स’, प्रसिद्ध साहित्यकार एवं समाज सेवी दीपचंद्र निर्मोही ने शिरकत की। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता और उपाचार्या डॉ. अनुराधा सिंह ने कार्यक्रम में पहुँचे मुख्य अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। परिचर्चा का विषय डॉ. ए. पी. जैन की आत्मकथा ‘यादों की यात्रा’ (हट के जो जिया, डट के जो किया) 2016 और ‘यादों की यात्रा’ प्रतिक्रियाओं के आईने में, संस्करण 2022 पुस्तक पर रहा। डॉ. ए. पी. जैन ने अपने व्याख्यान में आत्मकथा पर परिचर्चा करते हुए कहा कि ये आत्मकथा मेरे जीवन का आईना है, जो जीवन के हर पड़ाव को विस्तार से व्यक्त करता है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने अपने वक्तव्य में पुस्तक ‘यादों की यात्रा’ के लिए पूर्व प्राचार्य डॉ. ए. पी. जैन को शुभकामनाएं दी। उन्होंने हिन्दी साहित्य परिषद के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संगोष्ठी के माध्यम से विद्यार्थी अपने ज्ञान की वृद्धि करता है और यह आत्मकथा जीवन से जुड़ें अनुभवों की कथा है।
इस अवसर पर साहित्यकार इंदिरा खुराना ने अपने सम्बोधन में आत्मकथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन एक घट के समान है, यादों का पिटारा है और इन्हीं बिंदुओं से मनुष्य अपने जीवन रूपी अमृत कलश को भरता है। वहीं, प्रसिद्ध विदुषी एवं शायरा सोनिया सोनम ‘अक्स’ ने भी आत्मकथा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आत्मकथा मनुष्य के जीवन की कहानी है। उन्होंने अपनी शायरी के माध्यम से विद्यार्थियों को जीवन की वास्तविकताओं से अवगत कराया। प्रसिद्ध साहित्यकार दीपचंद्र निर्मोही ने आत्मकथा के उद्भव और विकास पर अपने विचार विद्यार्थियों के समक्ष रखे।
संगोष्ठी में हिन्दी परिषद के सभी विद्यार्थियों ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई। इस अवसर पर हिन्दी साहित्य परिषद के संयोजक प्रा. विजय सिंह ने मंच संचालन की भूमिका निभाई और परिषद की स्थापना के उद्देश्य को स्पष्ट किया। इस परिचर्चा में हिन्दी विभाग से डॉ. शालिनी, प्रा. गोपाल मलिक, प्रा. कविता मलिक और अंग्रेजी विभाग से डॉ. मीनल तालस सहित अन्य स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।
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